Monday, May 6, 2019

साई बाबा उर्फ़ नानासाहब पेशवा उर्फ़ गोविन्द माधव भट्ट

By  Prakrite Maurya : Facebook Post

Image may contain: 3 people, people standing and outdoorमनुवादियो ने केवल इतना बताया के #साई भगवान नहीं है, लेकिन वो असल में कौन है? ये तो वे बताने से रहे इसलिए हमने साई की सारी कुंडली निकाल ली....
सांई का असली नाम
#गोविंद_माधव_भट्ट. जन्म ०६/१२/१८२४.
दूसरे बाजीराव पेशवे द्वारा गोद
लिया गया गोविंद माधव भट्ट को दिनांक
०७/०६/१८२७.और नया नाम रखा नाना साहब पेशवे.
सन्१८५७ रजवाड़ों की लड़ाई से पहले
दि. २८/०२/१८५६ को नाना साहव पेशवे का
यानी शिरडी के सांई बाबा का वारंट जारी हुआ
२ लाख का ईनाम घोषित हुआ अंग्रेजों द्वारा.
वारंट (फरमान) में लिखा नाना साहब पेशवा रंग गोरा,बड़ी-बड़ी आंखे,कद ०६फिट०२इंच, नाक लंबी, साथ में कान कटा नौकर.
पता बताने वाले को ०२ लाख रू. का नगईनाम.
नोट :- सोनी टी.वी. चैनल पर सांई का सीरियल
आता है जिसमें सांई का सेवक भक्त कान
कटा दिखाया गया है.
अग्रेजों के डर से नाना पेशवा मुसलमान फकीर का वेश लेकर शिरडी पहुंचे.
सांई अपना नाम कभी नाना भट्ट
तो कभी अप्पाराम बताते. सांई कहते मुझे
नाना भट्ट नही अप्पाराम ही कहा करो.
सांई ने अपने गांव का नाम,पिता का नाम
कभी नही बताया. हमेशा पहचान छुपाई.
#नाना_पेशवा_एवं_तात्या_टोपे का एक साथ गायब होना उन्ही की उम्र के वही कद-काठी के दो बाबा, महाराज का अचानक निर्माण होना.
दोनों बाबाओं का कार्यक्षेत्र महाराष्ट्र होना.
दोनों का चमत्कार दिखाना.
शेगांव का गजानन महाराज यानी फरार
तात्या टोपे की मृत्यू की सूचना पाकर सांई
औरतों की तरह फूट-फूटकर रोने लगे और
कहा कि मेरा गजानन चला गया. क्योंकी गजानन
महाराज यानी तात्या टोपे, नाना साहब
पेशवा का सेनापित था.
सांई चबूतरे पर गोल तकिये पर टिक कर बैठते थे जैसे पेशवा बैठा करते थे.
इन बातों से सिद्ध होता है कि सांई भगवान
नही बल्कि भगोड़ा नाना साहब पेशवा थे.
नाना पेशवा देशभक्त होते तो भगत सिंह, उधम सिंह, सुभाष चंद्र बोस, बिरसा मुंडा, टंट्या भील(मामा) की तरह बहादुरी से लड़ते. मुस्लिम फकीर के वेष में छुपते नही.
१२. सन् १९९४ में पेशवा के वंशज द्वारा लेख
लिखा था कि सांई बाबा यानी यही नाना साहब पेशवा हमारे पूर्वज है.
प्रबोधनकार ठाकरे जी (बाला साहब ठाकरे के
पिता) लिखते हैं कि सांई दूसरा कोई
नही बल्कि यही नाना साहब पेशवा है.
सूबेदार भवानी सिंह, अटक नगर रेजीमेंट में पदस्थ थे. वहां मुस्लिम फकीर के वेश में घूम रहे सांईको पहचान लिया कि ये तो नाना साहब पेशवा है.
नाना साहब पेशवा ने अपना नाम क्रिश्चन मसीहा ईसा के ठीक उल्टा #सांई रखा.

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