सवाल लाख टके का
भीम स्तुति के 'दिव्य प्रभू रत्न तू, साधु वरदान तू' पर रोष प्रगट करने वाले मृत्यु, विवाह आदि अवसरों पर कराये जा रहे 'परित्राण-पाठ' पर मौन साध लेते हैं, जिसमें इंद्र, ब्रह्मा आदि देवताओं की स्तुति है ? सनद रहे, 'परित्राण-पाठ' में 'आव्हान सुत्त', 'रतन सुत्त' आदि कई संगत-असंगत सुत्तों का पाठ होता है जबकि, 22 प्रतिज्ञा, जिसे बाबासाहब डॉ अम्बेडकर ने 'धम्म की आधारशिला' कहा है, को 'अछूत' बना दिया गया है ?
भीम स्तुति के 'दिव्य प्रभू रत्न तू, साधु वरदान तू' पर रोष प्रगट करने वाले मृत्यु, विवाह आदि अवसरों पर कराये जा रहे 'परित्राण-पाठ' पर मौन साध लेते हैं, जिसमें इंद्र, ब्रह्मा आदि देवताओं की स्तुति है ? सनद रहे, 'परित्राण-पाठ' में 'आव्हान सुत्त', 'रतन सुत्त' आदि कई संगत-असंगत सुत्तों का पाठ होता है जबकि, 22 प्रतिज्ञा, जिसे बाबासाहब डॉ अम्बेडकर ने 'धम्म की आधारशिला' कहा है, को 'अछूत' बना दिया गया है ?
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