साधुवाद। प्राचीन भारत का इतिहास खोजना मेरा विषय या ध्येय है। कलिंग के पास राजा खैरवाल या खरवाल का एक शिलालेख मिला है जिसमें उन्होंने लिखा है कि पशुमित्र सुंग को गद्दारी की घटना के तुरंत बाद वहां से कश्मीर की ओर खदेड़ दिया गया था।
अतः यहां जो सुगन राजा का उल्लेख है वह सुंग नहीं है। कम से कम वह उस बदजात सुंग का वंशज तो कदापि नहीं है। पालि का बहुत ज्यादा ज्ञान नहीं है मुझे इसलिए सुगन को सुंग में बदला जा सकता है या नहीं, मुझे ज्ञात नहीं। पशुमित्र की गद्दारी धार्मिक प्रतिक्रांति थी सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं थी। अतः सुंग वंशी सम्राट अशोक के बनवाये स्तूप में सुधार कर ही नहीं सकता था
सुगनं को शुंग से जोड़ा है क्योंकि वछीपुत्र धनभूति का कार्यकाल भी शुंग काल के अंतर्गत ही रहा है।
शुंग से जोड़ने से मेरा उददेश्य यह भी था की शुंग शासन मे भी धम्मलिपि ही प्रयुक्त थी।
यह प्राकृत भाषा का अभिलेख है ।
जानबूझ लोग से संस्कृत से जोडते है। संस्कृत भाषा की प्राचीनता सिद्ध करने के लिये ।
जबकि संस्कृत का प्रथम अभिलेख 300 साल
बाद 150 AD मे rudradaman
का अभिलेख है।
इसे भी देखें। प्रयुक्त नामो के सन्दर्भ के लिये।
अशोक 232bc मे शासन खत्म होने के 45 वर्ष बाद ही 187 bc मे शुंग शासन शुरु हो जाता है
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