जूती
महन्ता चे इच्छेय्य
(ऊपर बढ़ना हो)
पाद-रक्खा धारेय्य
(तो जूती पहने)
पन, ता धारणं आवस्सकं
(पर, उसे पहनना जरुरी है)
न च लेहनं.
(न कि चाटना)
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