भदंत आनंद कोसल्यायन पंजाब में जन्में (5 जन. 1905) थे, पर उनका कार्य-क्षेत्र भारत में सारनाथ, वर्धा और अपने जीवन के उत्तरार्ध में नागपुर रहा. वे अपने जीवन के अंतिम दिनों तक(22 जून 1988) लिखते रहे.
सन 1964 में राहुलजी के देहांत का तार लंका में आया तो हम लोग केन्डी के एक विहार में थे. भंतेजी उस समय अंगुत्तर निकाय का अनुवाद कर रहे थे. तार पढ़ कर एक क्षण आँखे मुंदकर मौन रहने के बाद कहने लगे- अब तो राहुलजी के हिस्से का भी लिखना है, और लिखने लगे(भिक्खु मेघंकर: सम्पादकीय: धम्मपद).
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