असोक के सिलालेखों में बुद्धवचनों के जो अभिलेख मिलते हैं, यह एतिहासिक विरासत अनुत्तर है. यथा असोक का भाबरू(जयपुर) सिलालेख जिसमें 7 सुत्तों में सदाचरण सम्बन्धी निर्देश उत्कीर्ण हैं.
1. विनय समुकसे(समुत्कर्ष) धम्म चक्क पवत्तन सुत्त
2. अलिय वसानि(वंस)- अंगुत्तर निकाय; चतुक्क निपात
3. अनागत भयानि- अंगुत्तर निकाय; पंचक निपात
4. मुनि गाथा- मुनि सुत्त; सुत्त निपात
5. मोनेय सूते- नालक सुत्त; सुत्त निपात
6. उपतिसपसिने(सारिपुत्त/उपतिस पन्ह)- सारिपुत्त सुत्त; सुत्त निपात
7. राहुलोवाद सूते(चुळ राहुलोवाद सुत्त/ अम्बलट्ठित राहुलो वाद सुत्त)- मज्झिम निकाय
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