Thursday, April 15, 2021

ईर्ष्या

 ईर्ष्या

एक धनि व्यक्ति था. उसके पास बहुत धन था. उसने शहर की सबसे अच्छी लोकेशन पर एक बड़ा और आलीशान  मकान बनवाया. यही नहीं, उसमें सुन्दर फर्नीचर, कालीन आदि बेशकीमती जरुरत की तमाम वस्तुओं से उसे सुसज्जित किया और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहने लगा.

वह अपने मकान को देखकर बहुत प्रसन्न होता. जो भी मित्र आता, उसे घुमा-घुमा कर अपना मकान दिखाता और फर्नीचर तथा बेशकीमती वस्तुओं के बारे में जानकारी देता. 

कुछ समय उपरांत उसके एक मित्र उसके यहाँ आये तो वह बहुत उदास और चुप-चुप था.  मित्र में पूछा- "भाई, बात क्या है, आज हमें मकान नहीं दिखाओगे?" इस पर उस धनी व्यक्ति ने कहा- अब मकान क्या दिखाऊं, देखते नहीं, मेरे पडोसी ने मेरे घर से भी बड़ा मकान बना लिया है !


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