बुद्ध का अट्ठंगिक मार्ग-
1. सम्यक दिट्ठि- भले-बुरे का ठीक-ठीक ज्ञान.
2. सम्यक संकल्प- राग, द्वेष रहित संकल्प.
3. सम्यक वाचा- झूठ, चुगली और कटु वचन न बोलना.
4. सम्यक कम्मान्त- हिंसा, चोरी, व्यभिचार रहित कर्म.
5. सम्यक जीविका- अनवर्जित कर्म करते हुए आजीविका चलाना.
6. सम्यक वायाम- इन्द्रियों का संयम.
7. सम्यक सति- सति(स्मृति) बोध को सतत क्रियाशील रखना.
8. सम्यक समाधि- कुशल कर्मों के सम्पादन और अकुशल कर्मों के त्याग का सतत चिंतन.
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