Friday, April 2, 2021

बुद्ध विहार समन्वय समिति

 धम्म-बंधुओं,

भोपाल में लगभग 60  बुद्धविहार हैं. छोटे-बड़े बुद्धविहारों की यह संख्या प्रदेश और अखिल भारतीय स्तर लाखों में होगी. किन्तु इन बुद्धविहारों के मध्य कोई सांस्कृतिक सामंजस्य नहीं है, जिसकी कमी को हम सभी ने समय-समय पर महसूस किया है.  

भारत एक बहुत बड़ा देश है. यह सांस्कृतिक विविधताओं का देश है. भाषा और जीवन-शैली के साथ एक की धर्म की पूजा-पद्दतियों में भी पर्याप्त अंतर है.  बुद्धविहारों की बात करें तो महाराष्ट्र हो या म. प्र., उ. प्र., बिहार आदि हिंदी क्षेत्र;  या दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, उड़ीसा आदि अहिन्दी भाषी क्षेत्र; आपस में ताल-मेल की भयंकर कमी है.

दूसरे, बाबासाहब डॉ अम्बेडकर ने बुद्धविहारों को शिक्षा के केंद्र के रूप में देखा है, जहाँ बच्चों को सामाजिक-सांस्कृतिक शिक्षा दी जा सकें. सरकारी स्कूल हो या प्राईवेट, बच्चें वहां हमारे इतिहास और संस्कृति को नहीं जान सकते. 

स्पष्ट है, प्रदेश हो या अखिल भारतीय स्तर पर, इन बुद्ध-विहारों के मध्य समन्वय की महत्ती आवश्यकता है. इसी आवश्यकता के मद्दे-नजर 'बुद्धविहार समन्वय समिति' , जिसका मुख्यालय नागपुर में है, कार्यरत है. विगत वर्ष,  बुद्धविहारों में जो पालि भासा परीक्षा आयोजित की गई थी,  इसी संस्था के निर्देशन में संपन्न हुई थी. इसी तरह यह संस्था बुद्धविहारों से जुड़े कई सांस्कृतिक क्षेत्रों में कार्यरत है. 

इसी के अनुकरण में,  म. प्र. में प्रांतीय और जिला स्तर पर बुद्धविहार समन्वय मंडलों का गठन किया जाना अपेक्षित है. यहाँ हम आपका मार्ग-दर्शन चाहेंगे. यथा शीघ्र मीटिंग बुलाई जाएगी. सादर सूचनार्थ.

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