'ब्रह्म', बुद्ध और अम्बेडकर
4. उपनिषद तथा उनकी शिक्षा
9. किन्तु यह कोई उपनिषदों का मुख्य विषय नहीं था। उनकी चर्चा का मुख्य विषय है, ब्रह्म और आत्मा।
10. ब्रह्म हो वह सर्व-व्यापक तत्व है, जो विश्व को बंधे हुए है और आदमी की मुक्ति भी इसी बात में है कि उसके आत्मा को इस बात का बोध हो जाये कि वह भी 'ब्रह्म' है।
11. उपनिषदों की मुख्य स्थापना यही थी कि 'ब्रह्म' ही सत्य है तथा 'आत्मा' और 'ब्रह्म' एक ही है। उपाधि-ग्रस्त होने के कारण ही 'आत्मा' को इस बात का बोध नहीं होता कि वह 'ब्रह्म' है।
12. प्रश्न पैदा हुआ : क्या 'ब्रह्म' एक वास्तविकता है ? उपनिषदों की सारी स्थापना इसी एक प्रश्न के उत्तर पर निर्भर करती है।
13. बुद्ध को ब्रह्म' की वास्तविकता का कोई प्रमाण नहीं मिला। इसलिए उन्होंने उपनिषदों की स्थापना की अस्वीकार कर दिया (प्रथम कांड: पांचवा भाग :बुद्धा एंड हिज धम्मा )। सादर।
4. उपनिषद तथा उनकी शिक्षा
9. किन्तु यह कोई उपनिषदों का मुख्य विषय नहीं था। उनकी चर्चा का मुख्य विषय है, ब्रह्म और आत्मा।
10. ब्रह्म हो वह सर्व-व्यापक तत्व है, जो विश्व को बंधे हुए है और आदमी की मुक्ति भी इसी बात में है कि उसके आत्मा को इस बात का बोध हो जाये कि वह भी 'ब्रह्म' है।
11. उपनिषदों की मुख्य स्थापना यही थी कि 'ब्रह्म' ही सत्य है तथा 'आत्मा' और 'ब्रह्म' एक ही है। उपाधि-ग्रस्त होने के कारण ही 'आत्मा' को इस बात का बोध नहीं होता कि वह 'ब्रह्म' है।
12. प्रश्न पैदा हुआ : क्या 'ब्रह्म' एक वास्तविकता है ? उपनिषदों की सारी स्थापना इसी एक प्रश्न के उत्तर पर निर्भर करती है।
13. बुद्ध को ब्रह्म' की वास्तविकता का कोई प्रमाण नहीं मिला। इसलिए उन्होंने उपनिषदों की स्थापना की अस्वीकार कर दिया (प्रथम कांड: पांचवा भाग :बुद्धा एंड हिज धम्मा )। सादर।
No comments:
Post a Comment