भारतीय बौद्ध महासभा का एक ग्रुप विश्व हिन्दू परिषद के लिए काम करता है यह आप भली भांति जानते है क्यों की आप गुजरात के और विशेष कर अहमदाबाद के है। आपको यह भी मालूम है कि महामहिम दलाई लामा जी के साथ विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता बौद्ध बनकर उनसे धन ऐंठने का काम भी करते रहे है।
मेरा सत्ताईस साल का अहमदाबाद के उपासकों से संपर्क है। कुछ साल पहले 201-13 के बीच बुद्ध धम्म दीक्षा आयोजित किया था तब मुझे गुजरात में घुसने नहीं देने की घोषणा भारतीय बौद्ध महासभा विश्व हिन्दू परिषद वालों ने की थी। श्री अशोक सिंघल विश्व हिन्दू परिषद के गुजर गए वे बौद्ध देशों में भंते के साथ बौद्ध प्रतिनिधित्व करते थे।
भरी सभा में लेटकर उक्त भंते को साष्टांग दंडवत करते थे और विदेशों के टिकट भी वे ही निकालते थे। श्री अशोक सिंघल के जैसे ही श्री इंद्रेश कुमार का काम है। हर साल चीवर पुजन का कार्यक्रम करते है, कभी बुद्ध गया में भी दिल्ली से भिक्षुओं को साथ ले गये थे। दिल्ली के डॉ आंबेडकर भवन में बौद्धों को इकट्ठा करने का कार्यक्रम किया था। उसमें नागपुर से अनुसूचित जाति मोर्चा (भाजपा) के द्वारा समता सैनिक दल के नाम से गुजरात में काम करने वाले महोदय गये हुए थे। मैंने घुग्घुस चंद्रपुर के एक भिक्षु को आवश्यक काम से दिल्ली बुलाया था। रिजर्वेशन करके उसे इ टिकट भेजा था। उसे समझ में नहीं आया और वह अनुसूचित जाति मोर्चा वालों के साथ बैठकर ट्रेन में आते समय मैंने उसे अपने कोच और सीटपर क्यों नहीं बैठा? तब समता सैनिक दल वाले से बात कराई, जिसको मैं नागपुर से ही जानता था। तब उसने बहाना बनाकर कहा की मैं अनुसूचित जाति मोर्चा वाले के साथ दिल्ली किसी काम से जा रहा हूं। भंते जी को हमने साथ में लिया है। भंते ने बात करायी थी, तब मुझे पता चला कि डॉ आंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर कार्यक्रम है।
कार्यक्रम में गदा (हनुमान वाला हथियार) बांटने पर एक महिला बौद्ध साध्वी(अपने को भिक्षुणी बताती है) के साथ गदा बांटने को लेकर विवाद हो गया था। उस कार्यक्रम में हमारे दिल्ली कार्यालय संघाराम बुद्ध विहार के भंते लोग सामिल थे।
बहुत घालमेल लोगों ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कर रखा है। डॉ पी जी ज्योतीकर विश्व हिन्दू परिषद के उत्तर गुजरात के उपाध्यक्ष और महाबोधि सोसायटी आफ इंडिया में भी वरिष्ठ पदाधिकारी कारी है। महामहिम दलाई लामा जी के संगठनों में भी सहभागी होते रहे है। हिंदू बौद्ध भाई भाई का कार्यक्रम चलाते रहे है। बुद्धगया महाबोधि महाविहार में मेरे छह वर्ष काम करने के दरम्यान डॉ पी जी ज्योतीकर जी ने महाबोधि सोसायटी में श्रामणेर की प्रव्रज्या लेकर दस दिन थे। मेरे पास मिलने आया करते थे।
अनागारिक धम्मपाल द्वारा बनाई हुई महाबोधि सोसायटी आफ इंडिया में साठ से अधिक प्रतिशत कट्टर हिंदू ब्राम्हण सदस्य हुआ करते थे। क्योंकि प्रथम अध्यक्ष श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाली ब्राम्हण थे।
आयुष्मान चंद्रपाल शैलानी पूर्व सांसद और कार्यकारी सदस्य महाबोधि सोसायटी ने वार्षिक अधिवेशन में बौद्ध सदस्यों की संख्या बढ़ाने को लेकर हंगामा करने पर श्रीलंका वाले भारतीय बौद्ध भिक्षुओं का नेतृत्व करने वालोंं ने महाबोधि सोसायटी आफ इंडिया के संविधान में संशोधन कर बौद्धों की संख्या बढ़ाने का प्रावधान किया।
दिल्ली के एक इंजीनियर कार्यकर्ता जापानी संस्था रेयूकाई के लिए काम करते थे और युग उद्बोधन नाम से मासिक पत्रिका निकालते थे। उनका बौद्ध समन्वय संगठन था, आयुष्मान के पी आर बंधु नाम था। वे अपनी पत्रिका में बहुत से विवादित मुद्दों को छापते थे। मैं उनकी पत्रिका का संरक्षक था।
पटना में स्वेटर बेचने वाले तिब्बती लोगों ने डॉ के पी आर बंधु, डॉ बी एन करुणाकर, पंचशील नर्सिंग होम और उनके साथी गण तथा मुंगेर के आंबेडकर बोधिकुंज सोसायटी के लामाजी श्री नारायण सिंह की पिटाई की और दिन भर पुलिस थाने में बंद रहना पड़ा था। मामला यह था कि दलाई लामा के खिलाफ युग उदबोधन पत्रिका में लिखा हुआ लेख था।
बुद्धगया महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन समिति के साथ यह सभी लोग जुड़े हुए थे तथा भदंत आर्य नागार्जुन शुरेई ससाईजी बुद्ध गया मुक्ति आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
पटना में 06दिसंबर 1993 को गांधी मैदान पर विशाल बौद्ध धम्म दीक्षा का आयोजन भदंत आनंद महाथेरो तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव के देखरेख में और पुलिस(रेलवे) के डिआईजी आयुष्मान मैकुराम, अध्यक्ष, अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संगठन बिहार राज्य के नेतृत्व में हुआ था।
आयुष्मान रमण के चौहान आपने पोस्ट पर प्रतिक्रिया लिखने के कारण मुझे कुछ खुलासा करना उचित लगा। क्योंकि आप आयुष्मान निखिल गौतम, आयु. मिलिंद प्रियदर्शी, आयुष्मान जयवर्धन हर्ष, आयु. जनबंधु कौशांबी, अमृतलाल परमार(रेलवे), आयु. दीक्षित भाई सुतरिया, रमणभाई आयु. एम के परमार, भाईलाल गोहिल और गुजरात बुद्धिस्ट अकादमी, डॉ आंबेडकर स्टडी सर्कल के प्रमुख एअर इंडिया में कार्यरत थे अब सेवानिवृत्त आयुष्मान प्रेमराज मेश्राम, आयुष्मान मेघराज वानखडे, आयुष्यमति अनिता वानखडे और महाराष्ट्रीयन बौद्ध आयुष्मान अंताराम गजभिए, बापूनगर बुद्ध विहार समिति के कार्यकर्ता आयुष्मान तिगांवकर, साठे, आदि जो दिवंगत हो गये, सभी पदाधिकारी गण और बाद में जूडे आयुष्मान रमेश बैंकर साहब आदि के द्वारा गुजरात में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और उनके बताए धम्म के प्रचार प्रसार में मेहनत और संघर्ष रत रहें है। धम्म बंधु पागल बाबा और आयुष्मान मदन जी ने जो अमर कार्य किया है उसको इतिहास कभी भूला नहीं सकेगा।
भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो।
सुवन मोक्ख बलाराम अरण्य विहार, चैया। दक्षिण थाईलैंड
शुक्रवार 24 जुलाई 2020
मेरा सत्ताईस साल का अहमदाबाद के उपासकों से संपर्क है। कुछ साल पहले 201-13 के बीच बुद्ध धम्म दीक्षा आयोजित किया था तब मुझे गुजरात में घुसने नहीं देने की घोषणा भारतीय बौद्ध महासभा विश्व हिन्दू परिषद वालों ने की थी। श्री अशोक सिंघल विश्व हिन्दू परिषद के गुजर गए वे बौद्ध देशों में भंते के साथ बौद्ध प्रतिनिधित्व करते थे।
भरी सभा में लेटकर उक्त भंते को साष्टांग दंडवत करते थे और विदेशों के टिकट भी वे ही निकालते थे। श्री अशोक सिंघल के जैसे ही श्री इंद्रेश कुमार का काम है। हर साल चीवर पुजन का कार्यक्रम करते है, कभी बुद्ध गया में भी दिल्ली से भिक्षुओं को साथ ले गये थे। दिल्ली के डॉ आंबेडकर भवन में बौद्धों को इकट्ठा करने का कार्यक्रम किया था। उसमें नागपुर से अनुसूचित जाति मोर्चा (भाजपा) के द्वारा समता सैनिक दल के नाम से गुजरात में काम करने वाले महोदय गये हुए थे। मैंने घुग्घुस चंद्रपुर के एक भिक्षु को आवश्यक काम से दिल्ली बुलाया था। रिजर्वेशन करके उसे इ टिकट भेजा था। उसे समझ में नहीं आया और वह अनुसूचित जाति मोर्चा वालों के साथ बैठकर ट्रेन में आते समय मैंने उसे अपने कोच और सीटपर क्यों नहीं बैठा? तब समता सैनिक दल वाले से बात कराई, जिसको मैं नागपुर से ही जानता था। तब उसने बहाना बनाकर कहा की मैं अनुसूचित जाति मोर्चा वाले के साथ दिल्ली किसी काम से जा रहा हूं। भंते जी को हमने साथ में लिया है। भंते ने बात करायी थी, तब मुझे पता चला कि डॉ आंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर कार्यक्रम है।
कार्यक्रम में गदा (हनुमान वाला हथियार) बांटने पर एक महिला बौद्ध साध्वी(अपने को भिक्षुणी बताती है) के साथ गदा बांटने को लेकर विवाद हो गया था। उस कार्यक्रम में हमारे दिल्ली कार्यालय संघाराम बुद्ध विहार के भंते लोग सामिल थे।
बहुत घालमेल लोगों ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कर रखा है। डॉ पी जी ज्योतीकर विश्व हिन्दू परिषद के उत्तर गुजरात के उपाध्यक्ष और महाबोधि सोसायटी आफ इंडिया में भी वरिष्ठ पदाधिकारी कारी है। महामहिम दलाई लामा जी के संगठनों में भी सहभागी होते रहे है। हिंदू बौद्ध भाई भाई का कार्यक्रम चलाते रहे है। बुद्धगया महाबोधि महाविहार में मेरे छह वर्ष काम करने के दरम्यान डॉ पी जी ज्योतीकर जी ने महाबोधि सोसायटी में श्रामणेर की प्रव्रज्या लेकर दस दिन थे। मेरे पास मिलने आया करते थे।
अनागारिक धम्मपाल द्वारा बनाई हुई महाबोधि सोसायटी आफ इंडिया में साठ से अधिक प्रतिशत कट्टर हिंदू ब्राम्हण सदस्य हुआ करते थे। क्योंकि प्रथम अध्यक्ष श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाली ब्राम्हण थे।
आयुष्मान चंद्रपाल शैलानी पूर्व सांसद और कार्यकारी सदस्य महाबोधि सोसायटी ने वार्षिक अधिवेशन में बौद्ध सदस्यों की संख्या बढ़ाने को लेकर हंगामा करने पर श्रीलंका वाले भारतीय बौद्ध भिक्षुओं का नेतृत्व करने वालोंं ने महाबोधि सोसायटी आफ इंडिया के संविधान में संशोधन कर बौद्धों की संख्या बढ़ाने का प्रावधान किया।
दिल्ली के एक इंजीनियर कार्यकर्ता जापानी संस्था रेयूकाई के लिए काम करते थे और युग उद्बोधन नाम से मासिक पत्रिका निकालते थे। उनका बौद्ध समन्वय संगठन था, आयुष्मान के पी आर बंधु नाम था। वे अपनी पत्रिका में बहुत से विवादित मुद्दों को छापते थे। मैं उनकी पत्रिका का संरक्षक था।
पटना में स्वेटर बेचने वाले तिब्बती लोगों ने डॉ के पी आर बंधु, डॉ बी एन करुणाकर, पंचशील नर्सिंग होम और उनके साथी गण तथा मुंगेर के आंबेडकर बोधिकुंज सोसायटी के लामाजी श्री नारायण सिंह की पिटाई की और दिन भर पुलिस थाने में बंद रहना पड़ा था। मामला यह था कि दलाई लामा के खिलाफ युग उदबोधन पत्रिका में लिखा हुआ लेख था।
बुद्धगया महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन समिति के साथ यह सभी लोग जुड़े हुए थे तथा भदंत आर्य नागार्जुन शुरेई ससाईजी बुद्ध गया मुक्ति आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
पटना में 06दिसंबर 1993 को गांधी मैदान पर विशाल बौद्ध धम्म दीक्षा का आयोजन भदंत आनंद महाथेरो तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव के देखरेख में और पुलिस(रेलवे) के डिआईजी आयुष्मान मैकुराम, अध्यक्ष, अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संगठन बिहार राज्य के नेतृत्व में हुआ था।
आयुष्मान रमण के चौहान आपने पोस्ट पर प्रतिक्रिया लिखने के कारण मुझे कुछ खुलासा करना उचित लगा। क्योंकि आप आयुष्मान निखिल गौतम, आयु. मिलिंद प्रियदर्शी, आयुष्मान जयवर्धन हर्ष, आयु. जनबंधु कौशांबी, अमृतलाल परमार(रेलवे), आयु. दीक्षित भाई सुतरिया, रमणभाई आयु. एम के परमार, भाईलाल गोहिल और गुजरात बुद्धिस्ट अकादमी, डॉ आंबेडकर स्टडी सर्कल के प्रमुख एअर इंडिया में कार्यरत थे अब सेवानिवृत्त आयुष्मान प्रेमराज मेश्राम, आयुष्मान मेघराज वानखडे, आयुष्यमति अनिता वानखडे और महाराष्ट्रीयन बौद्ध आयुष्मान अंताराम गजभिए, बापूनगर बुद्ध विहार समिति के कार्यकर्ता आयुष्मान तिगांवकर, साठे, आदि जो दिवंगत हो गये, सभी पदाधिकारी गण और बाद में जूडे आयुष्मान रमेश बैंकर साहब आदि के द्वारा गुजरात में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और उनके बताए धम्म के प्रचार प्रसार में मेहनत और संघर्ष रत रहें है। धम्म बंधु पागल बाबा और आयुष्मान मदन जी ने जो अमर कार्य किया है उसको इतिहास कभी भूला नहीं सकेगा।
भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो।
सुवन मोक्ख बलाराम अरण्य विहार, चैया। दक्षिण थाईलैंड
शुक्रवार 24 जुलाई 2020
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