Friday, July 17, 2020

'ब्रह्म' और उसका मायाजाल

'ब्रह्म' और उसका मायाजाल-
ब्रह्म, ब्रह्मा, ब्राह्मण, ब्रह्मचर्य, ब्रह्मचारी, ब्रह्मकन्या(सस्वती), ब्राह्मीबूटी, ब्रह्मकर्म(ब्राह्मण-कर्म), ब्रह्मकला, ब्रह्मकल्प, ब्रह्म-सम, ब्रह्मकांड(ज्ञान-कांड), ब्रह्मकाष्ठ(शहतूत का पेड़), ब्रह्मकुंड, ब्रह्मकूट(एक पर्वत), ब्रह्मकोश, ब्रह्मगति(मोक्ष), ब्रह्मगांठ(जनेऊ की गांठ), ब्रह्माण्ड, ब्रह्मग्रंथि, ब्रह्मघात(ब्राह्मण की हत्या), ब्रह्मघोष(वेद-पाठ), ब्रह्मचक्र, ब्रह्म-साक्षात्कार, ब्रह्मजटा, ब्रह्मतत्व, ब्रह्मताल, ब्रह्मतेज, ब्रह्मदंड, ब्रह्मदंडी(एक बूटी), ब्राह्मणयष्टि(एक पौधा), ब्रह्मदान, ब्रह्मदाय(ब्राह्मण को दिया जाने वाला धन), ब्रह्मदूषक(वेद-निंदक), ब्रह्मद्वार(ब्रह्म-रंध्र), ब्रह्मद्वेषी(ब्राह्मण का द्वेषी), ब्रह्मनद(सरस्वती), ब्रह्मनाभ(विष्णु), ब्रह्मपत्र(पलाश पत्र), ब्रह्मपद(मुक्ति/ब्राह्मण का पद), ब्रह्मपरिषद(ब्राह्मणों की सभा), ब्रह्मपादप(पलाश), ब्रह्मपारायण(वेदों में पारायण), ब्रह्मपाश(ब्रह्म शक्ति से परिचालित पाश), ब्रह्मपुत्री(सरस्वती), ब्रह्मपुर, ब्रह्मलोक,  ब्रह्मपुराण, ब्रह्मबल, ब्रह्मबीज, ब्रह्मभाग(ब्राह्मण को मिलने वाला भाग), ब्रह्मभूत, ब्रह्मभोज(ब्राह्मण को भोज), ब्रह्ममीमांसा(वेदांत दर्शन), ब्रह्ममुहूर्त, ब्रह्मयुग, ब्रह्मयोग, ब्रह्मयोनि, ब्रह्मरेखा, ब्रह्मलेख, ब्रह्मविद्या, ब्रह्मवृति, ब्रह्मवेत्ता, ब्रह्मशाप, ब्रह्मसमाज, ब्रह्मनिष्ठ, ब्रह्मण्य, ब्रह्मत्व, ब्रह्मविज्ञान, ब्रहशास्त्र, ब्रह्मांभ(गोमूत्र), ब्रह्माक्षर(ॐ), ब्रह्मानंद, ब्रह्माभ्यास(वेदाध्ययन), ब्रह्मावर्त, ब्रह्मासन, ब्रह्मिष्ठा(दुर्गा), ब्राह्मी आदि आदि( स्रोत- बृहत हिंदी कोश: कालिकाप्रसाद, राजवल्लभ सहाय, मुकुन्दीलाल श्रीवास्तव)।   

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