भिक्खु-संघ और उसकी प्रासंगिकता
1. बुद्ध ने भिक्खु-संघ की स्थापना धम्म प्रचार-प्रसार के लिए की थी। उन्होंने इसे 'एक जीवन चरिया' के रूप में खड़ा किया था। दो भिक्खुओं को एक दिशा में एक साथ जाने के लिए उन्होंने स्पष्ट मना किया था। विनय के अनुसार आठ वस्तुओं के अलावा भिक्खु कोई दूसरी वस्तु नहीं रख सकता। वर्षावास के अलावा कोई भिक्खु किसी विहार में दो-तीन दिनों से अधिक ठहर नहीं रह सकता।
2 . हमें भारी अफ़सोस है कि भिक्खु-संघ इन 5 प्रमुख नियमों में से एक भी नियम का पालन नहीं करते दिखता।बाबासाहब अम्बेडकर, भिक्खु-संघ से कतई प्रसन्न नहीं थे। और इसलिए उन्होंने धम्म-प्रचारकों की फ़ौज खड़ा करने का निर्णय लिया। क्या भिक्खु-संघ ने इससे कोई सबक लिया ?
3 . यह तथ्य है कि भिक्खु-संघ से न तो बाबासाहब प्रसन्न थे और न ही उनके अनुयायी ही। यह सच है कि चीवर का हर हाल में सम्मान किया जाना चाहिए। किन्तु भिक्खु-संघ को भी चीवर की मर्यादा का भान होना चाहिए।
4 . यह भी तथ्य है कि बहुत से भिक्खु स्व-इच्छा से चीवर नहीं लिए हैं बल्कि किन्ही घरेलु/पारिवारिक परेशानी से घर से बेघर हुए हैं। कुछ भिक्खु ऐसे हैं जिन्होंने बुद्धविहारों पर कब्ज़ा कर लिया है ! क्या धम्म का कार्य ऐसे होता है ? कुछ भिक्खुओं का कार्य 'परित्राण पाठ' भर करना रह गया है ! क्या इस तरह समाज का भला हो सकता है ?
5 . बुद्धगया हो या सारनाथ, कुछ धम्म-प्रेमी और भिक्खु विदेशों से यहाँ आकर ति-पिटक संगायन करते हैं। वहां, हमारे यहाँ का भिक्खु-संघ भिखारियों की तरह व्यवहार करता है ! क्या फंड की कमी है उन्हें ? हमें ऐसा नहीं लगता। सिंहलद्वीप, म्यांमार, थाईलेंड आदि छोटे-छोटे देशों से हमारे यहाँ दान में कई टनों वजनी बड़ी-बड़ी बुद्ध की मूर्तियां आती हैं। गरीब वे हैं या हम ?
6 . सवाल नीयत का है। क्या धम्म के प्रति भिक्खु-संघ की नीयत ठीक है ? उपासक अगर दान नहीं करते तो गलती उपासक की है या दान की महिमा बतलाने वाले की ? लोग घर, परिवार और गाड़ी, बंगला ही बनाने में मस्त हैं तो संस्कार-कर्ता अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता।
7 . बौद्ध स्थविर मिगेत्तुवते ने क्रिश्चियन विद्वानों को परास्त कर सिंहल द्वीप में धम्म को पुन: स्थापित किया था(राहुल सांस्कृत्यायन: बौद्ध संस्कृति: पृ. 81 )। क्या कोई स्थविर मिगेत्तुवते भारत में पैदा हुआ ? क्या कोई अनागारिक धम्मपाल भारत में पैदा हुआ ?
8 . आज, साकेत में खुदाई/समतलीकरण के दौरान बुद्ध की मुर्तिया निकल रहीं है। बुद्धगया महाबोधिविहार का भिक्खु-संघ राम मंदिर निर्माणाधीन महंत को 'गंगा-जल' भेट करता हैं ! क्या धम्म-प्रचार की यह नीयत है ?
1. बुद्ध ने भिक्खु-संघ की स्थापना धम्म प्रचार-प्रसार के लिए की थी। उन्होंने इसे 'एक जीवन चरिया' के रूप में खड़ा किया था। दो भिक्खुओं को एक दिशा में एक साथ जाने के लिए उन्होंने स्पष्ट मना किया था। विनय के अनुसार आठ वस्तुओं के अलावा भिक्खु कोई दूसरी वस्तु नहीं रख सकता। वर्षावास के अलावा कोई भिक्खु किसी विहार में दो-तीन दिनों से अधिक ठहर नहीं रह सकता।
2 . हमें भारी अफ़सोस है कि भिक्खु-संघ इन 5 प्रमुख नियमों में से एक भी नियम का पालन नहीं करते दिखता।बाबासाहब अम्बेडकर, भिक्खु-संघ से कतई प्रसन्न नहीं थे। और इसलिए उन्होंने धम्म-प्रचारकों की फ़ौज खड़ा करने का निर्णय लिया। क्या भिक्खु-संघ ने इससे कोई सबक लिया ?
3 . यह तथ्य है कि भिक्खु-संघ से न तो बाबासाहब प्रसन्न थे और न ही उनके अनुयायी ही। यह सच है कि चीवर का हर हाल में सम्मान किया जाना चाहिए। किन्तु भिक्खु-संघ को भी चीवर की मर्यादा का भान होना चाहिए।
4 . यह भी तथ्य है कि बहुत से भिक्खु स्व-इच्छा से चीवर नहीं लिए हैं बल्कि किन्ही घरेलु/पारिवारिक परेशानी से घर से बेघर हुए हैं। कुछ भिक्खु ऐसे हैं जिन्होंने बुद्धविहारों पर कब्ज़ा कर लिया है ! क्या धम्म का कार्य ऐसे होता है ? कुछ भिक्खुओं का कार्य 'परित्राण पाठ' भर करना रह गया है ! क्या इस तरह समाज का भला हो सकता है ?
5 . बुद्धगया हो या सारनाथ, कुछ धम्म-प्रेमी और भिक्खु विदेशों से यहाँ आकर ति-पिटक संगायन करते हैं। वहां, हमारे यहाँ का भिक्खु-संघ भिखारियों की तरह व्यवहार करता है ! क्या फंड की कमी है उन्हें ? हमें ऐसा नहीं लगता। सिंहलद्वीप, म्यांमार, थाईलेंड आदि छोटे-छोटे देशों से हमारे यहाँ दान में कई टनों वजनी बड़ी-बड़ी बुद्ध की मूर्तियां आती हैं। गरीब वे हैं या हम ?
6 . सवाल नीयत का है। क्या धम्म के प्रति भिक्खु-संघ की नीयत ठीक है ? उपासक अगर दान नहीं करते तो गलती उपासक की है या दान की महिमा बतलाने वाले की ? लोग घर, परिवार और गाड़ी, बंगला ही बनाने में मस्त हैं तो संस्कार-कर्ता अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता।
7 . बौद्ध स्थविर मिगेत्तुवते ने क्रिश्चियन विद्वानों को परास्त कर सिंहल द्वीप में धम्म को पुन: स्थापित किया था(राहुल सांस्कृत्यायन: बौद्ध संस्कृति: पृ. 81 )। क्या कोई स्थविर मिगेत्तुवते भारत में पैदा हुआ ? क्या कोई अनागारिक धम्मपाल भारत में पैदा हुआ ?
8 . आज, साकेत में खुदाई/समतलीकरण के दौरान बुद्ध की मुर्तिया निकल रहीं है। बुद्धगया महाबोधिविहार का भिक्खु-संघ राम मंदिर निर्माणाधीन महंत को 'गंगा-जल' भेट करता हैं ! क्या धम्म-प्रचार की यह नीयत है ?
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