Thursday, April 11, 2019

पाकिस्तान; भारत का विभाजन: कंवल भारती

ये ज़ाहिल लोग हैं, जो न इतिहास को पढ़ते हैं और न समझते हैं। आरएसएस इनको जो रटवाता है, ये रट्टू तोते की तरह वही सब जगह दोहराते हैं। 
डॉ. आंबेडकर ने मुस्लिम लीग की आलोचना की थी, जो एक राजनीतिक दल की आलोचना थी, मुसलमानों की नहीं। यह सत्ता हस्तांतरण के समय की बात है, जब सत्ता का बंटवारा कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच हो रहा था, और दलित वर्गों को हिन्दू फोल्ड में मानकर हाशिए पर डाल दिया गया था। डॉ. आंबेडकर ने इस बंटवारे का विरोध किया था, और दलित वर्गों को सत्ता का तीसरा केंद्र बनाने की लड़ाई लड़ी थी। इस लड़ाई में सर्वहारा की बात करने वाले कम्युनिस्ट और समाजवादी भी आंबेडकर के विरोध में थे और सत्ता के हिन्दू केंद्र बने हुए थे।
गोलमेज़ सम्मेलन में डॉ. आंबेडकर और मुस्लिम नेताओं ने मिलकर अल्पसंख्यक वर्गों की लड़ाई लड़ी थी। मुहम्मद शौक़त अली और डॉ. आंबेडकर की सम्मान यात्रा एक ही गाड़ी में बम्बई में निकली थी। परेल में दोनों की संयुक्त सभा हुई थी।
और ज़ाहिल लोग कह रहे हैं कि आंबेडकर मुस्लिम विरोधी थे।

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