धर्मयुद्ध
तेज बहादूर यादव जंग लड़ तो रहे हैं, किन्तु क्या वे इस लायक है ? सपा-बसपा ने दांव तो लगा दिया है किन्तु क्या वे इसकी गंभीरता समझते हैं ? पूर्व BSF जवान के वीडियो सस्पेंस पैदा करते हैं ?
तेज बहादूर यादव जंग लड़ तो रहे हैं, किन्तु क्या वे इस लायक है ? सपा-बसपा ने दांव तो लगा दिया है किन्तु क्या वे इसकी गंभीरता समझते हैं ? पूर्व BSF जवान के वीडियो सस्पेंस पैदा करते हैं ?
यह
बिलकुल सही है कि कांग्रेस को मैदान से हट जाना चाहिए. क्योंकि, अब यह जंग 'रिवेंजर' के जैसे सिर्फ उत्तेजना
से देखने की नहीं रह गयी है. मोदी विरोधियो के लिए यह जंग पीएम मोदी के शब्दों में
'घर
में घुस कर मारने' के
हद तक पहुच गई है.
बेगुसराय
के बाद सचमुच अब वाराणसी, 'धर्मयुद्ध' बन गया है. देश की जनता और मीडिया को भोपाल में प्रज्ञा
ठाकुर को और वाराणसी में तेज बहादूर यादव का धन्यवाद अदा करना चाहिए कि इन्होने
अपनी-अपनी वजह से इस चुनावी जंग को 'धर्मयुद्ध' बना दिया है.
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