राहुल, अखिलेश और बहनजी चाहे तो अपनी अपनी संख्या के अनुपात में ज्वाईंट फ्रंट बनाकर देश की भावी सरकार बना सकते हैं. राहुल और अखिलेश में ऐसी पहल करने की क्षमता है. यह उ प्र और दिल्ली में 'आप' से चल रही बातचीत से साफ़ संकेत मिलता है. जहाँ तक बहनजी का सवाल है, अगर सम्मान जनक स्थान उन्हें मिले तो वे इस अवसर को जाने नहीं देगी.
किन्तु कांग्रेस के नीति-निर्धारक शायद ही ऐसा होने दे ? और यह स्वाभाविक ही है. जो पार्टी देश पर वर्षों शासन कर चुकी हो, यह बहुत ही सामान्य प्रवृति है.
अगर अखिलेश और राहुल अपनी-अपनी सीमाओं को 'ओव्हर रुल' कर इस दिशा में आगे बढे तो ना-मुमकिन कुछ नहीं >
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