उदितराज प्रहसन
यह सच है कि उदित राज ने दलित-विमर्श के लिए काम किया. यह भी सच है कि दबी जुबान से ही सही, एकाध समय पर उन्होंने स्टेंड भी लिया. मगर यह भी सच है कि वे पार्टी खर्च चलाने के नाम पर बिक गए और फिर, बिकते चले गए. हम जैसे उनके शुभ चिंतकों को भारी पीड़ा हुई. उन्हें अपनी भूल सुधार करने लाख हिदायतें दी गई, किन्तु बिका आदमी देर-सबेर अपना मोल भी भूल जाता है.
यह सच है कि उदित राज ने दलित-विमर्श के लिए काम किया. यह भी सच है कि दबी जुबान से ही सही, एकाध समय पर उन्होंने स्टेंड भी लिया. मगर यह भी सच है कि वे पार्टी खर्च चलाने के नाम पर बिक गए और फिर, बिकते चले गए. हम जैसे उनके शुभ चिंतकों को भारी पीड़ा हुई. उन्हें अपनी भूल सुधार करने लाख हिदायतें दी गई, किन्तु बिका आदमी देर-सबेर अपना मोल भी भूल जाता है.
बहरहाल, देर आयद, दुरुस्त आयद. उन्हें शीघ्र सदबुद्धि का लाभ हो.
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