सिविल वार
भोपाल में, एक लम्बे जद्दोजहद के बाद अंतत: आरएसएस ने राजनीति के चाणक्य, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्त्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री दिग्विजय सिंह के विरुद्ध मालेगावं बम धमाके की आरोपी और कट्टर हिंदुत्व की छवि वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उतार कर साफ संकेत दे दिया है कि उसे चुनाव कैसे और किस मुद्दे पर लड़ना है ?
भोपाल में, एक लम्बे जद्दोजहद के बाद अंतत: आरएसएस ने राजनीति के चाणक्य, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्त्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री दिग्विजय सिंह के विरुद्ध मालेगावं बम धमाके की आरोपी और कट्टर हिंदुत्व की छवि वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उतार कर साफ संकेत दे दिया है कि उसे चुनाव कैसे और किस मुद्दे पर लड़ना है ?
निस्संदेह, यह मुकाबला दिलचस्प होगा. बीजेपी दिनों-दिन कट्टर धार्मिक ध्रुवीकरण के तरफ बढ़ते जाएगी, वही दूसरी ओर दिग्विजय सिंह को अपने ही घर में अपने ही लोगों से लड़ना होगा.
जहाँ तक हिन्दू बहुल भारत में 'हिंदुत्व' का सवाल है, कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं. इधर 'विकास' का चेहरा सामने रख कर जिस तरह आरएसएस/बीजेपी के लोग खुल्लम-खुल्ला वोटों का धार्मिक ध्रुवीकरण कर रहे हैं, वहीँ कांग्रेस के घाघ नेता बड़ी जल्दी समझ गए कि बीजेपी उन्हीं के जूते से उन्हीं के सिर पर चटाचट गिन रही है. उन्होंने अपनी चाल को रिविव्वु करना ही ठीक समझा. अब कबड्डी के मैदान में दोनों पार्टियाँ आमने-सामने हैं.
जहाँ तक हिन्दू बहुल भारत में 'हिंदुत्व' का सवाल है, कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं. इधर 'विकास' का चेहरा सामने रख कर जिस तरह आरएसएस/बीजेपी के लोग खुल्लम-खुल्ला वोटों का धार्मिक ध्रुवीकरण कर रहे हैं, वहीँ कांग्रेस के घाघ नेता बड़ी जल्दी समझ गए कि बीजेपी उन्हीं के जूते से उन्हीं के सिर पर चटाचट गिन रही है. उन्होंने अपनी चाल को रिविव्वु करना ही ठीक समझा. अब कबड्डी के मैदान में दोनों पार्टियाँ आमने-सामने हैं.
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