उ. प्र. का फार्मूला
'हिन्दू' दरअसल, लोगों को धार्मिक रूप से बेवकूफ बनाने का षडयंत्र है . तिलकादी के समय जिस ट्रिक से महाराष्ट्र में 'गणेश उत्सव' की खोज कर उसे हर नुक और कार्नर पर मनाने की प्रोग्रामिंग की गई, ठीक उसी ट्रिक पर कभी इस शब्द को गढ़ा गया था.
'हिन्दू' दरअसल, लोगों को धार्मिक रूप से बेवकूफ बनाने का षडयंत्र है . तिलकादी के समय जिस ट्रिक से महाराष्ट्र में 'गणेश उत्सव' की खोज कर उसे हर नुक और कार्नर पर मनाने की प्रोग्रामिंग की गई, ठीक उसी ट्रिक पर कभी इस शब्द को गढ़ा गया था.
निस्संदेह, इस धार्मिक गोलबंदी के शिकार तेली, तम्बोली, महार, चमार, धोबी, मल्लाह बड़े जल्दी होते हैं ! ये ठीक हैं कि महारों और चमारों में बाबासाहब डॉ अम्बेडकर के तत्संबंधी राष्ट्रयापी आन्दोलन से सामाजिक चेतना जाग्रत हो चुकी है और वे अब इस चक्कर में नहीं पड़ते किन्तु पिछड़ा वर्ग जो इस 'हिन्दू' गोलबंदी का एक बड़ा लाट है, अभी भी पूरी तरह 'हिन्दू' अफीम की गिरफ्त में है !
आज, बहुत जरुरी है कि उ प्र वाला फार्मूला पूरे देश में बहन मायावती और अखिलेश यादव पूरी सिद्दत से लागू करें. अखिलेश एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और अभी तक की पारिवारिक और प्रदेश की राजनीति ने उन्हें काफी परिपक्कव बना दिया है. हमें इस फार्मूले को अन्य प्रदेशों में सफल न होने का कोई कारण नहीं दिखाई देता.
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