Friday, November 13, 2020

आस्था

 आस्था- 

हमने बदल ली है अपनी आस्था,                       

अब नहीं रहे भगवान तुम्हारे, हमारे.

हमने बदल लिए हैं, अपने तीज-त्यौहार.

अब नहीं रहे दीवाली-दशहरा, हमारे. 

हमने बदल लिए है अपने देवता,                       

अब नहीं रहे गौरी-गणेश, हमारे.

हमने बदल लिए हैं,अपने तीर्थ-स्थान,

अब नहीं रहे काशी-मथुरा हमारे.

हमने बदल लिए हैं अपने प्रतिक 

अब नहीं रहे ॐ गायत्री मन्त्र हमारे.

हमने बदल दिए हैं, अपने नाम 

अब नहीं रहे घृणास्पद नाम हमारे.

हमने बदल दिए हैं, अपने संबोधन

अब नहीं रहे, राम-रामादि हमारे.

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