आस्था-
हमने बदल ली है अपनी आस्था,
अब नहीं रहे भगवान तुम्हारे, हमारे.
हमने बदल लिए हैं, अपने तीज-त्यौहार.
अब नहीं रहे दीवाली-दशहरा, हमारे.
हमने बदल लिए है अपने देवता,
अब नहीं रहे गौरी-गणेश, हमारे.
हमने बदल लिए हैं,अपने तीर्थ-स्थान,
अब नहीं रहे काशी-मथुरा हमारे.
हमने बदल लिए हैं अपने प्रतिक
अब नहीं रहे ॐ गायत्री मन्त्र हमारे.
हमने बदल दिए हैं, अपने नाम
अब नहीं रहे घृणास्पद नाम हमारे.
हमने बदल दिए हैं, अपने संबोधन
अब नहीं रहे, राम-रामादि हमारे.
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