व्याकृत और अव्याकृत
एक समय आयु. महाकास्यप और आयु. सारिपुत्त
एकं समयं आयस्मा महाकस्सपो च आयस्मा सारिपुत्तो
इसिपतन मिगदाय में विहार करते थे।
विहरन्ति इसिपतने मिगदाये
एक ओर बैठे आयु. सारिपुत्त ने आयु. महाकास्यप से कहा-
एकमन्त निसिन्नो खो आयस्मा सारिपुत्तो आयसमन्तंं महाकस्सपंं एतद वोच-
"आवुस कास्यप ! क्या तथागत मरने के बाद रहते हैं ?"
"किंं नु खो आवुसो कस्सप, होती तथागतो परं मरणा"'ति ?
"भगवान ने इसे अव्याकृत रखा है।"
"अब्याकतंं खो एतं, भगवता। "
"तो क्या तथागत मरने के बाद नहीं रहते हैं ?"
"किंं पन आवुसो, न होती तथागतो परं मरणा"'ति ?
"आवुस, भगवान ने यह भी अव्याकृत रखा है ।"
"एवं अपि खो, आवुसो, अब्याकत भगवता।"
"किंं नु खो आवुसो, होति च न च होति तथागतो परंं मरणा "'ति। ?
"तो क्या मरने के बाद तथागत रहते हैं और नहीं भी रहते ?"
"भगवान ने इसे भी अब्याकत रखा है।"
"एवं अपि खो आवुसो, अब्याकतंं भगवता। "
"कस्मा च एतं आवुसो, अब्याकतंं भगवता"'ति ?
"भगवान ने इसे आवुस, अव्याकृत क्यों रखा है ?"
"क्योंकि, वह न तो परमार्थ का साधक है, न निर्वेद का, न विराग का
" न हेतंं आवुसो, अत्थ सहितं, न निब्बिदाय, न विरागाय
न निरोध का, न उपशमन का, न ज्ञान का और न निर्वाण का ।"
न निरोधाय, न उपसमाय, न अभिञ्ञाय, न निब्बानाय संवत्तति।
तस्मा तं अब्याकत भगवता"ति।
"अथ किंं च आवुसो, ब्याकतंं भगवता"'ति।
"तो आवुस, भगवान ने क्या व्याकृत किया ?"
"आवुस, यह दुक्ख है, भगवान ने यह व्याकृत किया
इदं दुक्खं इति खो, आवुसो, ब्याकतंं भगवता
यह दुक्ख समुदाय, निरोध, निरोध गामिनी प्रतिपदा है
अयंं दुक्ख समुदायों'ति ब्याकतंं भगवता,
अय दुक्ख निरोधो'ति ब्याकतं भगवता,
अय दुक्ख निरोध गामिनी पटिपदा'ति ब्याकतं भगवता"'ति।
कस्मा च एतं आवुसो, ब्याकतं भगवता"'ति।
"आवुस, भगवान ने इसे क्यों व्याकृत किया ?"
"क्योंकि, यह ज्ञान का साधक है और निर्वाण का ।"
" एतं हि आवुसो, अत्थ सहितं, निब्बिदाय, विरागाय,
निरोधाय, उपसमाय, अभिञ्ञाय, निब्बानाय संवत्तति।
तस्मा तं ब्याकतंं भगवता"ति।
"क्योंकि, यही निर्वाण का हेतु है।
स्रोत- परस्सरण सुत्त (15 -12) : संयुक्त निकाय भाग- 1
-अ ला ऊके @amritlalukey.blogspot.com
एक समय आयु. महाकास्यप और आयु. सारिपुत्त
एकं समयं आयस्मा महाकस्सपो च आयस्मा सारिपुत्तो
इसिपतन मिगदाय में विहार करते थे।
विहरन्ति इसिपतने मिगदाये
एक ओर बैठे आयु. सारिपुत्त ने आयु. महाकास्यप से कहा-
एकमन्त निसिन्नो खो आयस्मा सारिपुत्तो आयसमन्तंं महाकस्सपंं एतद वोच-
"आवुस कास्यप ! क्या तथागत मरने के बाद रहते हैं ?"
"किंं नु खो आवुसो कस्सप, होती तथागतो परं मरणा"'ति ?
"भगवान ने इसे अव्याकृत रखा है।"
"अब्याकतंं खो एतं, भगवता। "
"तो क्या तथागत मरने के बाद नहीं रहते हैं ?"
"किंं पन आवुसो, न होती तथागतो परं मरणा"'ति ?
"आवुस, भगवान ने यह भी अव्याकृत रखा है ।"
"एवं अपि खो, आवुसो, अब्याकत भगवता।"
"किंं नु खो आवुसो, होति च न च होति तथागतो परंं मरणा "'ति। ?
"तो क्या मरने के बाद तथागत रहते हैं और नहीं भी रहते ?"
"भगवान ने इसे भी अब्याकत रखा है।"
"एवं अपि खो आवुसो, अब्याकतंं भगवता। "
"कस्मा च एतं आवुसो, अब्याकतंं भगवता"'ति ?
"भगवान ने इसे आवुस, अव्याकृत क्यों रखा है ?"
"क्योंकि, वह न तो परमार्थ का साधक है, न निर्वेद का, न विराग का
" न हेतंं आवुसो, अत्थ सहितं, न निब्बिदाय, न विरागाय
न निरोध का, न उपशमन का, न ज्ञान का और न निर्वाण का ।"
न निरोधाय, न उपसमाय, न अभिञ्ञाय, न निब्बानाय संवत्तति।
तस्मा तं अब्याकत भगवता"ति।
"अथ किंं च आवुसो, ब्याकतंं भगवता"'ति।
"तो आवुस, भगवान ने क्या व्याकृत किया ?"
"आवुस, यह दुक्ख है, भगवान ने यह व्याकृत किया
इदं दुक्खं इति खो, आवुसो, ब्याकतंं भगवता
यह दुक्ख समुदाय, निरोध, निरोध गामिनी प्रतिपदा है
अयंं दुक्ख समुदायों'ति ब्याकतंं भगवता,
अय दुक्ख निरोधो'ति ब्याकतं भगवता,
अय दुक्ख निरोध गामिनी पटिपदा'ति ब्याकतं भगवता"'ति।
कस्मा च एतं आवुसो, ब्याकतं भगवता"'ति।
"आवुस, भगवान ने इसे क्यों व्याकृत किया ?"
"क्योंकि, यह ज्ञान का साधक है और निर्वाण का ।"
" एतं हि आवुसो, अत्थ सहितं, निब्बिदाय, विरागाय,
निरोधाय, उपसमाय, अभिञ्ञाय, निब्बानाय संवत्तति।
तस्मा तं ब्याकतंं भगवता"ति।
"क्योंकि, यही निर्वाण का हेतु है।
स्रोत- परस्सरण सुत्त (15 -12) : संयुक्त निकाय भाग- 1
-अ ला ऊके @amritlalukey.blogspot.com
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