Tuesday, January 19, 2021

Kalam Sutta

एवं मे सुतं- एकं समयं भगवा कोसले सु चारिकं चरमानो महत्ता भिक्खु संघेन सद्धिं येन केस मुत्तं नाम कालामानं निगमो तदवसरि. ---

यदा तुम्हे कालामा अत्तनाव जानेय्याथ, इमे धम्मा अकुसला, इमे धम्मा सावज्जा, इमे धम्मा विञ्ञु गरहिता , इमे धम्मा समत्ता समादिन्ना(पूरी तरह से) अहिताय दुक्खाय संवत्तति, अथ तुम्हे कालामा, पजहेय्याथ.

मा अनुस्सवेन(यह सुनने में आई है)।
मा पिटकसम्पदानेन(कि अपने धर्म-शास्त्र में लिखा हुआ है.

मा इतिकिराय(इस प्रकार कही गई हैं)
मा तक्केतु( तर्क-सम्मत है). मा नयहेतु (न्याय-संगत है).
मा आकार परिवित्तक्केन(देखने में भली है). 
मा दिट्ठिनिज्झानक्खन्त्तिया (हमारे दृष्टि/मत के अनुकूल है)
मा भब्बरूपताय(भव्य रूप है). 
मा समणा, नो गरु'ति(हमारे गुरु ने कहा है)

यदा तुम्हे कालामा अत्तनाव जानेय्याथ, इमे धम्मा कुसला, इमे धम्मा अनवज्जा, इमे धम्मा विञ्ञु पसत्था, इमे धम्मा समत्ता समादिन्ना(पूरी तरह से) हिताय सुखाय संवत्तति, अथ तुम्हे कालामा उप सम्पज्ज विहरेय्याथ.


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