Thursday, January 14, 2021

सब्बे सत्ता मरणधम्मा

बुद्धवचनों में मिलावट-

"हन्द! कुतो नु त्वं, महाराज, आगच्छसि दिवादिवस्सा?"

"महाराज! इस दोपहर में भला, आप कहां से आ रहे हैं ?"

"अय्यिका मे, भन्ते, कालङ्कता जिण्णा वुड्ढा महल्लिसका, 

"भन्ते! मेरी दादी मर गई है. जीर्ण, वृद्धा,  बड़ी बूढी, महत्तारी 

वयो अनुप्पत्ता वीसवस्ससतिका जातिया। 

वय प्राप्त, एक सौ बीस साल की थी.

अय्यिका खो पन मे, भन्ते, पिया होति मनापा।

भंते! मेरी दादी मुझे बड़ी प्यारी थी।"

 "सब्बे सत्ता, महाराज, मरणधम्मा मरणपरियोसाना मरणं अनतीता''ति। 

"महाराज! सभी जीव मरण शील हैं, मरना अवश्य है, मरण से बच नहीं सकते."

"अच्छरियं, भन्ते, अब्भुतं, भन्ते! 

"आश्चर्य है, भंते,  अद्भुत है, भंते !

याव सुभासितं इदं, भगवता- 

भगवान के द्वारा यह ठीक ही कहा है

सब्बे सत्ता मरणधम्मा मरणपरियोसाना मरणं अनतीता'ति।"

सभी जीव मरण शील हैं, मरना अवश्य है, मरण से बच नहीं सकते."

"एवमेतं, महाराज, एवमेतं, महाराज! 

"ऐसा ही है, महाराज! ऐसा ही है, महाराज!

सब्बे सत्ता मरणधम्मा मरणपरियोसाना मरणं अनतीता। 

सभी जीव मरण शील हैं, मरना अवश्य है, मरण से बच नहीं सकते.

सेय्यथापि, महाराज, यानि कानिचि कुम्भकारभाजनानि 

जैसे महाराज! कुम्हार के जितने घड़े हैं, 

आमकानि चेव पक्काानि च सब्बानि तानि

कच्चे व पक्के सभी वे  

भेदनधम्मानि भेदनपरियोसानानि भेदनं अनतीतानि

फूटना धर्म वाले हैं, फूटना अवश्य है, फूटने से बच नहीं सकते.

एवमेव खो, महाराज, 

इसी प्रकार, महाराज !

सब्बे सत्ता मरणधम्मा मरणपरियोसाना मरणं अनतीता'ति."

सभी जीव मरण शील हैं, मरना अवश्य है, मरण से बच नहीं सकते". (संयुत्त निकाय- 3.3.2)।

----------------------------

दरअसल, उक्त प्रसंग पर बुद्ध-उपदेश यही समाप्त हो जाना चाहिए था. क्योंकि यह बुद्ध के विचारों से सर्वथा मेल खाता है. किन्तु ब्राह्मण लेखक को यहाँ, संतोष नहीं हुआ ?   दरअसल, 'कर्म-गति,  'स्वर्ग- नर्क और पाप-पुण्य' के बिना ब्राह्मण को 'अपच' होने लगता है. अतयव जनेऊ को कंधे पर डाल नित्य-कर्म से निपट  ब्राह्मण लेखक ने निम्न गाथा लिख कर अपना 'अपच' ठीक किया-

"सब्बे सत्ता मरिस्सन्ति, मरणन्तञ्हि जीवितं।

यथाकम्मं गमिस्सन्ति, पुञ्ञ पापफलूपगा।

निरयं पापकम्मन्ता, पुञ्ञुकम्मा च सुग्गतिं॥

तस्मा करेय्य कल्याणं, निचयं सम्परायिकं।

पुञ्ञापनि परलोकस्मिं, पतिट्ठा होन्ति पाणिनं॥"

No comments:

Post a Comment