(पाली, धम्म और अम्बेडकर थाट्स के शीर्षस्थ स्कालर)
जन्म- 5 फर. 1949 देवरी देवतह, तुमसर जिला- भंडारा महा.
शिक्षा- एम. ए. पालि, भाषाशास्त्र और राजनीतिशास्त्र
बी. जे., पी. एच. डी.
अध्यापन- स्नाकोत्तर पालि-प्राकृत विभाग
रा. तु. म. नागपुर विद्यापीठ महारास्ट में 25 साल तक अध्यापन
प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत।
25 साल का स्नाकोत्तर कक्षाओं में पालि भाषा और बुद्धिज्म का अध्यापन
- 100 से भी अधिक शोध प्रबंध प्रकाशित
- 30 से भी अधिक पी.एच.डी. छात्रों का मार्ग-दर्शन जिसमें 19 छात्रों को पी.एच.डी. प्राप्त
रचनाएं- बौद्ध धर्म के विकास में डाॅ. बी. आर. अम्बेडकर का योगदान शोध-प्रबन्ध, धर्मान्तरणः प्रेरणा और प्रयोजन, स्वतंत्रा मजदूर पक्ष, पालि-व्याकरण, डाॅ. आम्बेडकर आणि आधुनिकता, थेरगाथा, थेरीगाथा, सुत्तनिपात, धम्मपद, अभिधम्मसंगहो, बोधिचर्यावतार, आवश्यक पालि, मोग्गल्लान पालि व्याकरण, ज्योतिबाफुले रचनावलि, बाबासाहेब आम्बेडकर ने कहा आदि 150 से अधिक स्वयं लिखित, अनुदित/सम्पादित पुस्तकें प्रकाशित।
संचालन- डाॅ. भदन्त आनन्द कोसल्यायन पालि और बौद्ध विद्या रिसर्च सेन्टर।
‘भारतीय पालि साहित्य परिषद’ के द्वारा पालि साहित्य के प्रचार-प्रसार का कार्य।
अंगुत्तर' पत्रिका का प्रकाशन और सम्पादन
तीन अखिल भारतीय हिंदी दलित लेखक साहित्य सम्मेलनों का आयोजन
सम्प्रति- 29, ग्रीनफील्ड लेआउट, भामटी नागपुर- 22
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13. 30 बजे, 14. 12. 2020
दुक्खदायी और अचम्भित करने वाली खबर
प्रो. डॉ विमलकीर्ति, नागपुर बजे नहीं रहे !!!
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