Thursday, August 22, 2019

मोदी क्या 'पिछड़ा वर्ग' में आते हैं ?

मोदी क्या 'पिछड़ा वर्ग' में आते हैं ?
(एक फेसबुक मित्र की पोस्ट) 
मोदी गुजरात की सर्वाधिक सम्पन्न "मोढ घांची" जाति के हैं। यह जाति गुजरात की सबसे ज्यादा सम्पन्न जाति है। इस जाति की संपन्नता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि नीरव मोदी, ललित मोदी जैसे अनेक मोदी नामधारी इस जाति के लोग हीरों जवाहरलाल, सोने, चांदी व अन्य प्रकार के व्यवसाय करने वाले अरब-खरब पति व्यापारी हैं,  जो देश का हजारों करोड़ लेकर फ़रार हैं या यूं कहिये कि घोटाला उजागर होने के बाद अपने चौकीदार ने इन्हें बाकायदा देश से सुरक्षित बाहर भेज दिया है।

नरेन्द्र मोदी ने गुजरात की सबसे समृद्ध जाति को भी मुख्यमंत्री के पद का दुरुपयोग करके अपनी खुद की जाति को पिछड़े वर्ग में शामिल करके पिछड़ों के हिस्से की सरकारी नौकरियां हड़प लीं। मोदी ने अपनी जाति अर्थात मोढ घांची जाति को पिछड़े वर्ग में शामिल करने का आदेश 1 जनवरी 2002 को जारी किया और उसके बाद पिछड़ों का हक मारते हुए गुजरात के सभी छोटे-बड़े पदों पर धड़ाधड़ अपनी जाति के लोगों को भर दिया।


अगर मोदी की जाति (मोढ घांची) पिछड़ी होती तो 1953 में गठित प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग जिसे काका कालेलकर आयोग के नाम से जाना जाता है और 1978 में गठित द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग जिसे मंडल आयोग के नाम से जाना जाता है, में शामिल कर ली जाती लेकिन ऐसा नहीं किया गया क्योंकि इन दोनों आयोगों ने पाया कि यह जाति गुजरात की ऊँची, सम्पन्न और सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त जाति है।

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