Monday, August 5, 2019

वातावरण है, विषाक्त

वातावरण है विषाक्त, छाता लेकर चलिए. 
गंदंगी फैली है शहर में, हो सकें तो नाक-मुहं बंद ही रखिए। 

अब बैठते नहीं हैं कबूतर,  मुंडेर-मुंडेर पर
बंट गए हैं, दाढ़ी-चोटी में, कुदरत का नजारा देखिए। 

'गुड मार्निंग' हो या 'श्रीराम',  हाथ जोड़ने में हर्ज नहीं  
जहर फैला है, हवा में, बस, गले मिलते समय ध्यान रखिए।

देहरी पर गाय खड़ी हो, रोटी खिलाना बुरा नहीं, पर 
'माब-लिंचिंग' हो रही शहर में ,  जरा इसका भी ख्याल कीजिए। 

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