Wednesday, August 28, 2019

आयाचना सुत्तं

आयाचना सुत्तं
भिक्खुओ! श्रद्धावान भिक्खु यदि सम्यक प्रकार से कामना करता है तो उसकी यही कामना होनी चाहिए कि मैं ऐसा होऊं जैसे सारिपुत्त और मोग्गल्यायन। भिक्खुओ, यही तुला है, यही मापदण्ड है, मेरे भिक्खु-सावकों के लिए।
सद्धो भिक्खवे! भिक्खु एवं सम्मा आयाचमानो, आयाचेय्य- तादिसो होमि यादिसा सारिपुत्त-मोग्गल्लाना। एसा भिक्खवे, तुला एवं पमाणं मम सावकानं भिक्खूनं।
भिक्खुओ! श्रद्धावान भिक्खुनि यदि सम्यक प्रकार से कामना करती है तो उसकी यही कामना होनी चाहिए कि मैं ऐसी होऊं, जैसे खेमा और उप्पलवणा भिक्खुनियां। भिक्खुओ, यही तुला है, यही मापदण्ड है, मेरे भिक्खुनि-साविकाओं के लिए।
सद्धा भिक्खवे! भिक्खुनि एवं सम्मा आयाचमाना, आयाचेय्य- तादिसी होमि यादिसी खेमा च भिक्खुनि उप्पलवणा। एसा भिक्खवे, तुला एवं पमाणं मम साविकानं भिक्खूनीनं।
भिक्खुओ! श्रद्धावान उपासक यदि सम्यक प्रकार से कामना करता है तो उसकी यही कामना होनी चाहिए कि मैं ऐसा होऊं, जैसे चित्त-गहपति और हस्तक आळवक। भिक्खुओ, यही तुला है, यही मापदण्ड है, मेरे श्रद्धावान-उपासकों के लिए।
सद्धो भिक्खवे! उपासको एवं सम्मा आयाचमानो, आयाचेय्य- तादिसो होमि यादिसो चित्तो च गहपति हस्तक आळवको। एसा भिक्खवे, तुला एवं पमाणं मम उपासकानं।
भिक्खुओ! श्रद्धावान उपासिका यदि सम्यक प्रकार से कामना करता है तो उसकी यही कामना होनी चाहिए कि मैं ऐसी होऊं, जैसे खुज्जुत्तरा और वेळुकण्डकिया नन्द-माता। भिक्खुओ, यही तुला है, यही मापदण्ड है, मेरे श्रद्धावान-उपासिकाओं के लिए।
सद्धा भिक्खवे! उपासिका एवं सम्मा आयाचमाना, आयाचेय्य- तादिसा होमि यादिसा खुज्जुत्तरा च वेळुकण्डकिया नन्द-माता। एसा भिक्खवे, तुला एवं पमाणं मम साविकानं भिक्खूनीनं (अ.नि. भाग-1ः कामना वग्गः दुक निपात।
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आयाचति- कामना/याचना करना।
खेमा-
उप्पलवणा-
चित्त-गहपति-
हस्तक आळवक-
खुज्जुत्तरा- राजा उदयन के दूसरी पत्नी सामावति और उसकी दासी खुज्जुत्तरा; दोनों बुद्ध की अनन्य उपासिकाएं थी।
वेळुकण्डकिया नन्द-माता-

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