Wednesday, March 31, 2021

बेशर्म

द्वि बारं, ति-बारं  ताळनं सुनखस्स, चजति ते त्वं द्वारं 

बारम्बारं ताळनं पि दलित जना, न चजन्ति ते मन्दिरस्स द्वारं 

दो बार, तीन बार  कुत्ते को मारना, वह तुम्हारा दरवाजा छोड़ देता है 

किन्तु बारम्बार प्रताड़ित होकर भी दलित, मंदिर का दरवाजा नहीं छोड़ते.

No comments:

Post a Comment