Wednesday, October 21, 2020

बौद्ध-ग्रंथों में ब्राह्मणवाद(1)

 Brahmaniism in Buddhsit Scriptures

(1) अनेक बुद्धों की कल्पना 

'ये च बुध्दा  अतीता च'

ये च बुध्दा  अतीता च,  ये च बुध्दा अनागता।

Ye ca Buddhâ atîtâ ca, ye ca Buddhâ anâgatâ 

ये जो बुद्ध अतीता(अतित-काल के) हैं और ये जो बुद्ध अनागता(अनागत-काल के) हैं 

The Buddhas of the past, The Buddhas of the future


पच्चुप्पन्ना च ये बुद्धा,  अहं  वन्दामि सब्बदा।।

Paccupannâ ca ye Buddhâ, ahañ vandâmi sabbadâ

(और) पच्चुपन्ना(वर्तमान) में जो बुद्ध हैं, मैं वन्दना करता/करती हूँ सदैव(सब्बदा)।

The Buddhas  of the present; I offer my reverence always.


 - पड़ोसी देश नेपाल, सिंहलद्वीप, बर्मा आदि की यात्रा कर ‘बौद्ध पूजा-पाठ’ नामक पुस्तिका जो बाबासाहेब डाॅ. आम्बेडकर ने तैयार की थी,  में उक्त पद सम्मिलित नहीं थे। 

Having study the Buddhist custom and practice in Nepal, Sinhaldveep, Barma like countries, Dr. Ambedkar had prepared a book, named 'Buddha Puja Patha', there was no mention of above stanza. 

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