Wednesday, October 21, 2020

दानं ददन्ता करणीया

 दानं ददं करणीयं 

(दान देते समय करणीय)

"अट्ठिमानि(आठ), भिक्खवे, सप्पुरिस-दानानि(सत्पुरुस दान)।
Atthamaanaani bhikkhave, sappurisa-daanaani.

कतमानानि(कौन-से हैं) अट्ठ(आठ)?
Katmaanaani Attha?
सुचिं(सुचिता से) देति(देता है), पणीतं(उत्तम ) देति,
Suchin deti, panitam deti
कालेन(समय पर) देति, कप्पियं(योग्य) देति,
Kaalen deti, kappiyam deti
विचेय्य(विचार-पूर्वक) देति, अभिण्हं(सतत) देति,
Viccheyya deti, abhinham deti
ददं(देते समय) चितं(मन) पसादेति(प्रमुदित होता है),
Dadam chitam pasaadeti
दत्वा(दे कर) अत्तमना(प्रसन्न) होति।
Datva attamanaa hoti.

इमानि(ये) खो, भिक्खवे,
Imaani kho, Bhikkhave
अट्ठ सप्पुरिसदानानि’ति(सप्पुरिसदान सुत्त-दान वग्गोः अट्ठक निपातो: अंगुत्तर निकाय)।
Attha Sappuris daanaani'ti.
------------------------------

धम्म में दान की ‘सुचिता’ पर भारी बल दिया गया है। धार्मिक/सामाजिक कार्यों के अवसर पर दान देते समय उक्त बातें ध्यान में रखनी है।
'नि' पयोगा
पालि में ‘नि’ का प्रयोग सामान्य तौर पर नपुसंकलिंग बहुवचन को बतलाने प्रयोग होता है। अगर संज्ञा(दान) नपुसंकलिंग है तो उसका विसेसण(अट्ठिमानि) और किरिया(कतमानानि) भी नपुसंकनिग होगी। इसी प्रकार, अगर संज्ञा पुल्लिंग अथवा इत्थिलिंग है तो विसेसण और किरिया भी तदनुरूप होंगी।

No comments:

Post a Comment