अरहन्त
'धम्मपद गाथा और कथा' में दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के रीडर डॉ. संघसेन लिखते हैं-
ब्राह्मण वग्ग में ब्राह्मण शब्द को पारिभाषिक पद के रूप में व्याख्यायित किया गया है . पुरे वग्ग में ब्राह्मण शब्द एक-दो स्थानों को छोड़ कर सर्वत्र ' अरहन्त के रूप में प्रयुक्त किया गया है.
अरहन्त पद (स्थान) बौद्ध धर्म में उच्चत्तम पद है, निब्बान है. मोक्ष है (प्राक्कथन).
1. येसं रागो च दोसो च, अविज्जा च विराजिता
खीणासवा अरहन्तो, तेसं विजटिता जटा. जटा सुत्त: संयुत्त निकाय
2. परित्राण सुत्त में भी 'अरहन्त' उच्चतम पद है-
सब्बे बुद्धा बलप्पत्ता, पच्चेकानं च यं बलं
अरहन्तानं च तेजेन, रक्ख बन्धामि सब्बसो.
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