Wednesday, March 27, 2019

निर्वाण

मैडिटेशन/तप/ विपस्सना से निर्वाण का कोई सम्बन्ध नहीं है. निर्वाण का अर्थ 'मोक्ष' तो कतई नहीं है । 
निर्वाण का अर्थ है- राग-द्वेषाग्नि का शांत/संयमित हो जाना. 
सन्दर्भ (1). महा वग्ग 1:3 संयुक्त निकाय 43-3-6 
(2 ) डॉ बी आर अम्बेडकर :बुद्ध और उनका धम्म:खंड- 3 : भाग- 3


इस प्रकार भिक्खुओ! निर्वाण इसी जीवन में प्राप्त है , भविष्य जीवन में नहीं . अच्छा लगाने वाला है, आकर्षक है और बुद्धिमान सावक इस प्राप्त कर सकता है(अ. नि. 3:52)। चतुक्क निपात तृतीय वग्ग 


संयुक्त निकाय : 43-1 8  : विभंग सुत्त : आर्य अष्टांगिक मार्ग(पृ 622)। 
                    : 43-1-9 : सुक सुत्त : ठीक धारणा ही निर्वाण प्राप्ति।
                    :43-1-10 : नंदिय सुत्त : निर्वाण प्राप्ति के लिए आठ धर्म (अष्टांगिक मार्ग)

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