संवैधानिक मर्यादा
अपने से बड़ों के पैर स्पर्श करना अच्छी बात है, सामाजिक मर्यादा का निर्वहन है. किन्तु देश के राष्ट्रपति की अपनी एक मर्यादा होती है. वह तब, व्यक्ति-विशेष न होकर देश की संवैधानिक मर्यादा का प्रतीक होता है. जहाँ तक इस पद की गरिमा का सवाल है, फिर चाहे उनका अपना पिता ही क्यों न हो, बतौर राष्ट्रपति उनके पैर स्पर्श कर आशीर्वाद लेने की इजाजत नहीं देता. चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना संवैधानिक नहीं वरन, सामाजिक सदाचार है.
अपने से बड़ों के पैर स्पर्श करना अच्छी बात है, सामाजिक मर्यादा का निर्वहन है. किन्तु देश के राष्ट्रपति की अपनी एक मर्यादा होती है. वह तब, व्यक्ति-विशेष न होकर देश की संवैधानिक मर्यादा का प्रतीक होता है. जहाँ तक इस पद की गरिमा का सवाल है, फिर चाहे उनका अपना पिता ही क्यों न हो, बतौर राष्ट्रपति उनके पैर स्पर्श कर आशीर्वाद लेने की इजाजत नहीं देता. चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना संवैधानिक नहीं वरन, सामाजिक सदाचार है.
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