Thursday, March 28, 2019

ब्रह्मचरियं(भिक्खु सुत्त : SN 43.1.6).

ब्रह्मचरियं
"ब्रह्मचरियं, ब्रह्मचरियं 'ति वुच्चति. कतम नु खो भंते, ब्रह्मचरियं ?"
"भंते! लोग ब्रह्मचर्य, ब्रह्मचर्य कहते हैं। भंते, ये ब्रह्मचर्य क्या है ?"
"अयमेव खो भिक्खु, अरियो अट्ठङगिको मग्गो ब्रह्मचरियं।"
"भिक्खु! यह आर्य-अष्टांगिक मार्ग ही ब्रह्मचर्य है।"
(संयुक्त निकाय : 43-1-6 : भिक्खु सुत्त )।   

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