Saturday, August 24, 2019

22 प्रतिज्ञाएँ

22 प्रतिज्ञाएँ
जो बुद्धिस्ट और अम्बेडकरवादी बाबा साहब अम्बेडकर प्रदत्त इन 22 प्रतिज्ञाओं को 'निषेधात्मक' कह कर बुद्ध बन्दना और परित्तं पाठ में इनका संगायन से परहेज करते हैं, वे दरअसल उस पढ़ी-लिखी बहू की तरह है, जो बड़ों के सामने पल्लू से सिर ढकना 'नारी की सामाजिक मर्यादा' समझते हैं.
22 प्रतिज्ञाएँ धम्म की रीढ़ है. यह बुद्ध के उपदेशों में अन्तर्हित हैं . यह बुद्ध की देशना है. चाहे, दीघनिकाय हो या मज्झिम निकाय, बुद्ध उपदेश इन निषेधों से भरे पड़े हैं. नव निर्माण पुराने खंडहरों पर संभव नहीं है. अगर होगा तो उसकी विश्वनीयता प्रश्नांकित होगी ही.

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